लेखनी कहानी-पतझड़-28-Apr-2023
पतझड़
सभी के जीवन में एक बार जरूर आता
वृक्षों पर वर्ष में एक बार दिखाता,
पतझड़ हरियाली का उगम दिलाता
चले जाने पर खुशियाली को बिखेरता
प्यार मे पतझड़ जिंदगी लूट ले जाता
वहां पुनः बहार नहीं आ पाती
इंसा कि कमर जो तोड़ देता
सपने समूल नष्ट कर देता
दुःख के समुद्र में डुबा देता
जिंदगी कि नाव डुला देता
कभी ना भरने वाले नासूर दे जाता
प्रेमियों के सपने चकनाचूर कर देता
हे प्रभु जीवन में सब कुछ दिखा
विजय कि अभिलाषा है अलावा पतझड़ के
चाहे नर्क में जगह दे दे
लेकिन जीवन में पतझड़ से मुक्ति दिला दे
मैने पेड़ों में और जीवन में पतझड़ देखा
दुश्मन को भी जीवन में ना दिखा
प्यार के नामो निशा ना मिटा
चाहे तो ऊपर बुला लें
विजय कि अभिलाषा है
अलावा पतझड़ के तू सब कुछ दिखा दे
विजय कि अभिलाषा तू पूर्ण कर दे
पतझड़ तू जीवन में ना आ
पतझड़ तू जीवन में ना आ ।।
✍️ विजय पोखरणा "यस"
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